-निजी सुनवाई के लिए दिया केवल आधा मिंट -
स्थानीय जिला शिक्षा व सिखलाई संस्था (डाइट बरकंदी) के कई वर्ष पुराणे मामले में उस समय के दो लैक्चरार्ज को राज्य के शिक्षा सचिव द्वारा पिछले दिनों बर्खास्त किए जाने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। जिनसी छेड़छाड़ से दोशों का सामना कर रहे उक्त लैक्चरार समाज में शरीफ, नेक दिल व इमानदार व्यक्तिों वाली छवी रखते हैं। लंबे समय से चल रहे इस मामले की शिक्षा सचिव द्वारा पिछले सप्ताह वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा इन लैक्चरारों को सुनवाई का मौका दिया गया। परंतु बड़ी हैरानी की बात है कि शिक्षा सचिव द्वारा निजी सुनवाई के लिए केवल आधा मिंट ही दिया गया। आधे मिंट की सुनवाई के बाद ही शिक्षा सचिव ने लैक्चरारों की इस बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिये। समाज के भले और विकास को समर्पित प्रमुख गैर सरकारी समाज सेवी संस्था के प्रधान जगदीश राय ढोसीवाल ने शिक्षा सचिव द्वारा तानाशाही ढंग से लैक्चरारों की बर्खास्गती को गैर संविधानिक करार दिया है। आज यहां चक्क बीड़ सरकार रोड स्थित मुहल्ला बुद्ध विहार में मिशन के मुख्य कार्यालय से जानकारी देते हुए श्री ढोसीवाल ने इस बर्खागस्ती को मानव अधिकारों का उल्लंघना और सरकारी अधिकारों का दुर्पयोग बताया है। उन्होंने कहा है कि किसी भी शिकायत का सामना करने वाले सरकारी कर्मचारी की शिकायत के आधार पर बदली की जाती है, वार्षिक पदोन्नति बंद कर दी जाती है, सस्पैंड किया जाता है और अंत में बर्खास्त किया जाता है। परंतु इस मामले में सीधी बर्खास्तगी बिलकुल गलत है। प्रधान ढोसीवाल ने राज्य के मुख्य मंत्री स. चन्नी से मांग की है कि नौकरी से बर्खास्त किए गए लैक्चरार परमिंदर सिंह व लखवंत सिंह की बर्खास्तगी तुरंत रद्द करके मामले की फिर से पड़ताल करवाई जाए।