नईं पीढ़ी को अपनी विरासत और सभ्याचार से जोड़ने के लिए की जाएंगी अहम पहलकदमियां ’
’नौजवानों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान और समर कोर्स शुरू किये जाएंगे ’
चंडीगढ़, 14 दिसम्बरः
विदेशों में बसते पंजाबियों को पंजाब में जायदाद और वित्तीय मामलों में आती कठिनाईयों समेत अन्य पेश समस्याओं के हल और प्रवासी पंजाबियों की नयी पीढ़ी को अपनी विरासत और सभ्याचार से जोड़ने के लिए पंजाब सरकार की तरफ से भावी दस्तावेज़ तैयार किया गया। यह खुलासा प्रवासी भारतीय मामलों संबंधी मंत्री परगट सिंह ने आज पंजाब भवन में प्रैस कान्फ़्रेंस के दौरान किया। इस मौके पर एन.आर.आई. कमिशन के मैंबर दलजीत सिंह सहोता, प्रवासी भारतीय मामलों संबंधी विभाग के सलाहकार सी.ए. अशवनी कुमार और गुरपाल सिंह उपस्थित थे।
विदेशों में बसते पंजाबियों को पंजाब में जायदाद और वित्तीय मामलों में आती कठिनाईयों समेत अन्य पेश समस्याओं के हल और प्रवासी पंजाबियों की नयी पीढ़ी को अपनी विरासत और सभ्याचार से जोड़ने के लिए पंजाब सरकार की तरफ से भावी दस्तावेज़ तैयार किया गया। यह खुलासा प्रवासी भारतीय मामलों संबंधी मंत्री परगट सिंह ने आज पंजाब भवन में प्रैस कान्फ़्रेंस के दौरान किया। इस मौके पर एन.आर.आई. कमिशन के मैंबर दलजीत सिंह सहोता, प्रवासी भारतीय मामलों संबंधी विभाग के सलाहकार सी.ए. अशवनी कुमार और गुरपाल सिंह उपस्थित थे।
प्रवासी भारतीय मामलों संबंधी मंत्री परगट सिंह मंगलवार को पंजाब भवन चण्डीगढ़ में प्रैस कान्फ़्रेंस को संबोधन करते हुये |
स. परगट सिंह ने कहा कि प्रवासी पंजाबियों की सुरक्षा ख़ास कर जायदादों आदि को सुरक्षित यकीनी बनाना और राज्य सरकार की तरफ से समर्थन प्रदान करके राज्य में रहते हुए घर की तरह ही महसूस करवाना बनता है। इसीलिए वित्तीय और व्यापारिक गतिविधियों से अलग विंग की स्थापना की जायेगी जिसमें प्रवासी पंजाबियों के सभी व्यापारिक और वित्त सम्बन्धित मुद्दों को सिंगल विंडो के द्वारा हल किया जायेगा। इसी तरह प्रवासियों के राजस्व विभाग के साथ जायदादों के काम में सिंगल विंडो सुविधा प्रदान करके पंजाब में कारोबार स्थापित करने में मदद की जायेगी।
प्रवासी भारतीय मामलों संबंधी मंत्री ने कहा कि वह महसूस करते हैं कि प्रवासी पंजाबियों के लिए उपयुक्त बुनियादी ढांचा विकसित किया जाये। एक प्रभावी शिकायत निवारण और फीडबैक विधि स्थापित की जायेगी। प्रवासी भारतीयों की सभी शिकायतों को एक ही छत के नीचे लाया जायेगा। प्रवासियों को राज्य में घट रही घटनाओं से अवगत करवाने के लिए वैबसाईट और ऐप के द्वारा प्रभावशाली संचार चैनल स्थापित किये जाएंगे। इस आनलाईन पोर्टल के द्वारा शिकायतों के निपटारे के लिए विभाग पूरी तरह फॉलो-अप करता है।
स. परगट सिंह ने कहा कि प्रवासी पंजाबियों की तरफ से पंजाब के इतिहास, विरासत, पंजाबी भाषा आदि के बारे अपने बच्चों को गर्मी की छुट्टियों के दौरान जानकारी देने के लिए थोड़े समय के कोर्स करवाने की माँग को पूरा करते हुये पंजाब की यूनिवर्सिटियों में थोड़े समय के समर स्कूल कोर्स शुरू किये जाएंगे जिससे नयी पीढ़ी को पंजाब के सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत से अवगत करवाया जा सके और उनको विरासत के नज़दीक लाया जा सके। इसके इलावा राज्य के साथ जोड़ने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘होम स्टे ’ की सुविधा शुरू की जायेगी। नौजवान पीढ़ी को पर्यटन के तौर पर भारत और ख़ास तौर पर कम से कम पंजाब का दौरा करने के लिए सुविधा प्रदान करके उनको प्रेरित किया जायेगा। स्कूल और यूनिवर्सिटी स्तर पर नौजवानों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान प्रोग्राम शुरु किये जाएंगे। मैडीकल पर्यटन को देखते हुये ऐप के द्वारा प्रवासियों को बेहतर स्वास्थ्य संस्थाओं और अस्पतालों की जानकारी मुहैया भी करवाई जायेगी।
स. परगट सिंह ने कहा कि पंजाब के सामाजिक -आर्थिक ढांचे के विकास में प्रवासी पंजाबियों का बहुत योगदान है। पंजाबियों ने सख़्त मेहनत और उद्यमी गुणों के कारण दुनिया भर में अपना यश अर्जित किया है। मौजूदा समय पंजाबियों की करीब तीसरी पीढ़ी विश्व भर में रह रही है। सबसे अधिक चिंता इस बात की है कि नौजवान पीढ़ी-दर-पीढ़ी अपनी जड़ों से अलग हो रहे हैं। ज़्यादातर प्रवासी भारत में अपनी जायदादें सिर्फ़ इस कारण बेच रहे हैं क्योंकि उनकी अगली पीढ़ी पंजाब में नहीं आना चाहती और वह अपने माता-पिता की जायदादों में भी कोई रूचि नहीं रखते। ज़मीनों की बिक्री न सिर्फ़ पंजाबियों को उनकी माँ से छीन लेगी बल्कि राज्य के सामाजिक-आर्थिक ढांचे पर भी बुरा प्रभाव डालेगी। यह हमारे लिए सोचने वाली बात है। इन कारणों की आलोचना और इसके हल के लिए उनसे सम्बन्धित पक्षों के साथ विचार करके यह भावी रूप-रेखा तैयार की गई है।
प्रवासी भारतीय मामलों संबंधी मंत्री ने कहा कि वह महसूस करते हैं कि प्रवासी पंजाबियों के लिए उपयुक्त बुनियादी ढांचा विकसित किया जाये। एक प्रभावी शिकायत निवारण और फीडबैक विधि स्थापित की जायेगी। प्रवासी भारतीयों की सभी शिकायतों को एक ही छत के नीचे लाया जायेगा। प्रवासियों को राज्य में घट रही घटनाओं से अवगत करवाने के लिए वैबसाईट और ऐप के द्वारा प्रभावशाली संचार चैनल स्थापित किये जाएंगे। इस आनलाईन पोर्टल के द्वारा शिकायतों के निपटारे के लिए विभाग पूरी तरह फॉलो-अप करता है।
स. परगट सिंह ने कहा कि प्रवासी पंजाबियों की तरफ से पंजाब के इतिहास, विरासत, पंजाबी भाषा आदि के बारे अपने बच्चों को गर्मी की छुट्टियों के दौरान जानकारी देने के लिए थोड़े समय के कोर्स करवाने की माँग को पूरा करते हुये पंजाब की यूनिवर्सिटियों में थोड़े समय के समर स्कूल कोर्स शुरू किये जाएंगे जिससे नयी पीढ़ी को पंजाब के सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत से अवगत करवाया जा सके और उनको विरासत के नज़दीक लाया जा सके। इसके इलावा राज्य के साथ जोड़ने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘होम स्टे ’ की सुविधा शुरू की जायेगी। नौजवान पीढ़ी को पर्यटन के तौर पर भारत और ख़ास तौर पर कम से कम पंजाब का दौरा करने के लिए सुविधा प्रदान करके उनको प्रेरित किया जायेगा। स्कूल और यूनिवर्सिटी स्तर पर नौजवानों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान प्रोग्राम शुरु किये जाएंगे। मैडीकल पर्यटन को देखते हुये ऐप के द्वारा प्रवासियों को बेहतर स्वास्थ्य संस्थाओं और अस्पतालों की जानकारी मुहैया भी करवाई जायेगी।
स. परगट सिंह ने कहा कि पंजाब के सामाजिक -आर्थिक ढांचे के विकास में प्रवासी पंजाबियों का बहुत योगदान है। पंजाबियों ने सख़्त मेहनत और उद्यमी गुणों के कारण दुनिया भर में अपना यश अर्जित किया है। मौजूदा समय पंजाबियों की करीब तीसरी पीढ़ी विश्व भर में रह रही है। सबसे अधिक चिंता इस बात की है कि नौजवान पीढ़ी-दर-पीढ़ी अपनी जड़ों से अलग हो रहे हैं। ज़्यादातर प्रवासी भारत में अपनी जायदादें सिर्फ़ इस कारण बेच रहे हैं क्योंकि उनकी अगली पीढ़ी पंजाब में नहीं आना चाहती और वह अपने माता-पिता की जायदादों में भी कोई रूचि नहीं रखते। ज़मीनों की बिक्री न सिर्फ़ पंजाबियों को उनकी माँ से छीन लेगी बल्कि राज्य के सामाजिक-आर्थिक ढांचे पर भी बुरा प्रभाव डालेगी। यह हमारे लिए सोचने वाली बात है। इन कारणों की आलोचना और इसके हल के लिए उनसे सम्बन्धित पक्षों के साथ विचार करके यह भावी रूप-रेखा तैयार की गई है।