नशा बेचने वालों की संपत्ति अटैच और लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों के खि़लाफ़ होगी कार्रवाई : रंधावा

bttnews
0

 मोगा के गाँव रौली और फिऱोज़पुर के गाँव वजीदपुर में नशे की बिक्री का लिया सख़्त नोटिस

प्रमुख सचिव गृह ने सम्बन्धित एस.एस.पीज़ को पत्र जारी करके तीन दिनों के अंदर कार्रवाई रिपोर्ट माँगी

नशा बेचने वालों की संपत्ति अटैच और लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों के खि़लाफ़ होगी कार्रवाई : रंधावा

चंडीगढ़, 8 नवम्बर:

पंजाब सरकार द्वारा नशों के खि़लाफ़ सख़्त स्टैंड को दोहराते हुए उप मुख्यमंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने मोगा और फिऱोज़पुर जि़लों के दो गाँवों क्रमवार रौली और वजीदपुर में नशों की बिक्री की रिपोर्टों का सख़्त नोटिस लिया है।

उप मुख्यमंत्री द्वारा दोनों जि़लों के एस.एस.पीज़ को इस मामले में निजी दख़ल देकर सख़्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। नशा बेचने वालों की संपत्ति अटैच करने के लिए कानून के अनुसार कार्रवाई आरंभ की जाए। इसके साथ ही नशों के मामले में ठोस कार्रवाई न करने वाले पुलिस अधिकारियों के खि़लाफ़ अनुशासनात्मक  कार्रवाई आरंभ करने के लिए भी कहा है। यह सारी कार्यवाही करके तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।

स. रंधावा जिनके पास गृह विभाग भी है, ने कहा कि नशों के मामले में कार्रवाई करने में कोई ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी और लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारी को भी नहीं बख़्शा जाएगा। नशा बेचने वालों की संपत्तियां अटैच की जाएँ। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्धी मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा भी जि़ला पुलिस प्रमुखों की बैठक में सख़्त हिदायतें जारी करते हुए नशों के मामले में ज़ीरो टॉलरैंस अपनाने के लिए कहा गया था।

उप मुख्यमंत्री द्वारा दी गई हिदायतों के मद्देनजऱ प्रमुख सचिव गृह ने मोगा और फिऱोज़पुर के एस.एस.पीज़ को बाकायदा पत्र जारी किए गए हैं। इन पत्रों में इस बात का नोटिस लिया गया है कि मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री द्वारा समूह जि़ला पुलिस प्रमुखों को नशों के खि़लाफ़ सख़्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं, परन्तु सोशल मीडिया रिपोर्टों के अनुसार उक्त गाँवों में खुलेआम नशा बिक रहा है और पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है।

प्रमुख सचिव गृह ने दोनों एस.एस.पीज़ को कहा है कि वह इन मामलों में निजी तौर पर ध्यान दें और नशा बेचने वालों के खि़लाफ़ सख़्त कार्रवाई करें। इसके अलावा जिन पुलिस अधिकारियों ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई का केस तैयार कर भेजा जाए। सारी कार्रवाई तीन दिनों के अंदर की जाए।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)