सरकारी पत्र अनअधिकारित व्यक्ति को देना बेहद गंभीर मामला

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 - उच्च स्तरीय जांच की मांग -

श्री मुक्तसर साहिब, 13 अक्टूबर - सरकारी सेवा में आते समय प्रत्येक कर्मचारी को संविधान की कस्म खिला कर सरकारी भेद गुप्त रखने का लिखित प्रण लिया जाता है।
सरकारी पत्र अनअधिकारित व्यक्ति को देना बेहद गंभीर मामला
ढोसीवाल प्राप्त हुए वट्सएप मैसेज को दिखाते हुए

ऐसा दफ्तरी कार्यशैली को गुप्त व सुचारू ढंग से चलाने के लिए किया जाता है। परंतू कुछ अधिकारी इस प्रण और सरकारी नियमों की शरेआम उल्लंघणा करते हैं। बाबा फरीद यूनिवर्सिटी आफ हैल्थ साईंसज फरीदकोट के सरकारी पत्र का अनअधिकारित व्यक्ति के पास जाने का मामला सामने आया है। एल.बी.सी.टी. (लार्ड बुद्धा चैरीटेबल ट्रस्ट) के चेयरमैन और आल इंडिया एस.सी./बी.सी./एस.टी. एकता भलाई मंच के राष्ट्रीय प्रधान दलित रत्न जगदीश राय ढोसीवाल आज यहां बुद्ध विहार स्थित मंच के मुख्य कार्यालय से मामले बारे जानकारी दी। श्री ढोसीवाल ने बताया है कि उनकी संस्था द्वारा करीब चार महीने पहले जून के अंत में सहायक डायरेक्टर युवक सेवाओं विभाग फरीदकोट से यूनिवर्सिटी कालिज आफ नर्सिंग (यूकोन) फरीदकोट को जारी किए गए फंडों की आर.टी.आई. द्वारा लिखित जानकारी मांगी थी। दिनांक 21 जून को भेजे गए इस पत्र अनुसार सहायक डायरेक्टर ने आने बहाने जानकारी देने से टाल मटोल की। इतना ही नहीं सहायक डायरेक्टर विजय भासकर शर्मा द्वारा अपने निजी मोबाइल नं: 98781-15515 से श्री ढोसीवाल के निजी मोबाइल नंबर पर बी.एफ.यू.एच.एफ. द्वारा जारी पत्र वट्सएप द्वारा भेज दिया। इस पत्र पर न डाक रवानगी नंबर, न ही लिखित और न ही किसी अधिकारी के हस्ताक्षर थे। सोचने वाली बात है कि यह सरकारी पत्र सहायक डायरेक्टर पास पहुंचा कैसे? यूनिवर्सिटी का पत्र अनअधिकारित व्यक्त पास पहुंचना बेहद गंभीर मामला है। प्रधान ढोसीवाल ने शंका जाहिर की है कि सरकारी पत्र का बाहर आना सहायक डायरेक्टर यूनिवर्सिटी या यूकोन के संबंधित कर्मचारियों की मिली भुगत का परिणाम है। उन्होंने यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार से मांग की है कि यूनिवर्सिटी का सरकारी पत्र सहायक डायरेक्टर विजय भासकर शर्मा के हाथ लगने के मामले की उच्च स्तरीय पड़ताल करवाई जाए और इसके लिए जिम्मेदार कर्मचारियों विरूद्ध बनती कानूनी कार्यवाई की जाए।

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