- मामला यूकोन एस.एन.ए. फंड गबन कांड का -
श्री मुक्तसर साहिब, 23 अक्टूबर - चाहे सरकार भ्रष्टाचार और गबन के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों पर नकेल कसने की पूरी कोशिश कर रही है, फिर भी कभी कभार ऐसे दोषियों को बचाने के लिए उलटे सीधे ढंग से कोझाी चालें चली जाती हैं। इन चालों में सबसे प्रमुख रूप में किसी मामले की पड़ताल को बिना वजह लटका कर, ठंडे बस्ते में डाल कर दोषियों को बचाया जाना है।
ऐसी ही एक मिसाल बाबा फरीद यूनिवर्सिटी आफ हैल्थ सार्इंसज अधीन चल रहे यूनिवर्सिटी कालिज आफ नर्सिंग (यूकोन) फरीदकोट के एस.एन.ए. फंड गबन कांड की पड़ताल से मिलती है। एल.बी.सी.टी. (लार्ड बुद्धा चैरिटेबल ट्रस्ट) के चेयरमैन और आल इंडिया एस.सी./बी.सी./ए.टी. एकता भलाई मंच के राष्ट्रीय प्रधान दलित रत्न जगदीश राय ढोसीवाल ने आज यहां बुद्ध विहार स्थित मंच के मुख्य कार्यालय से बताया है कि यूकोन की उस समय की प्रो. भूपिंद्र कौर (जो कि इस समय कालिज में बतौर आफीशीऐटिंग प्रिंसीपल कार्यारत हैं) ने दिनांक 21 अप्रैल 2017 को साजिशी ढंग से अपने हस्ताक्षर से उक्त फंड के खाते को बंद करवा दिया। उल्लेखनीय है कि उस दिन कालिज में आफीशीऐटिंग प्रिंसीपल रावत भी मौजूद थे। इस मामले की भी पड़ताल की जानी बनती है कि किन हालातों में कालिज प्रमुख के मौजूद होने के बावजूद किसी जूनियर कर्मचारी ने यह खाता क्यों बंद करवाया? इतना ही नहीं खाता बंद करवा के पूरी रकम प्रिंसीपल रावत ने गैर कानूनी ढंग से सरकारी नियमों के विरूद्ध अपने पास रख ली। गबन के दोषी प्रिंसीपल ने यह मामला सामने आने के बाद दो लाख रूपये अपने सैलरी खाते और साठ हज़ार रूपये नकद जमा करवाए। प्रिंसीपल ने पौणे तीन लाख के करीब मैस: पप्पू राम भगत से मिली भगत करके साधारन कागज़ों पर बिल बनवा कर अधिकारियों को गुमराह किया और सरकार को जी.एस.टी. का चूना लगाया। उन्होंने बताया है क उनकी संस्था द्वारा करीब सवा साल पहले 02 अगस्त 2020 को इस संबंधी की शिकायत की पड़ताल उस समय की रजिस्ट्रार मैडम रूही दुग आई.ए.एस. द्वारा की गई। पड़ताल उप्रांत रजिस्ट्रार ने उक्त प्रिंसीपल रावत और अन्य को दोषी करार देते हुए करीब 10 महीने पहले बीती 07 जनवरी को चार्ज शीट कर दिया गया था। सरकारी नियमों अनुसार अब इस मामले की रैगूलर पड़ताल की जानी बनती है। ढोसीवाल ने कहा है कि बड़े दुख की बात है कि इतना लंबा समय बीत जाने के बावजूद भी इस मामले की अभी तक रैगूलर पड़ताल पूरी नहीं की गई। उन्होंने खदशा जाहिर किया है कि उक्त मामले की रैगूलर पड़ातल में जान बूझ कर देरी की जा रही है ताकि गबन कांड में शामिल दोषियों का बचाया जा सके। ढोसीवाल ने यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार से मांग की है कि उक्त गबन कांड मामले की रैगूलर पड़ताल जल्द पूरी करवा कर जिम्मेदार देषियों विरूद्ध कानून अनुसार बनती कार्यवाई की जाए। उन्होंने यह भी मांग की है कि यूकोन के उस समय की जूनीयर कर्मचारन प्रो. भूपिंदर कौर द्वारा कालिज प्रमुख के मौजूद होने के बावजूद उक्त खाते को बंद करवाने के मामले की भी पड़ताल की जाए। ढोसीवाल ने आगे कहा है कि वह प्रिंसीपल रावत द्वारा कंटीन ठेकेदार पप्पू भगत से साजबाज हो कर सरकार को जी.एस.टी. का चूना लगाने के मामले की जी.एस.टी. और पूलिस विभाग को भी शिकायत करेंगे।
जगदीश राय ढोसीवाल |
ऐसी ही एक मिसाल बाबा फरीद यूनिवर्सिटी आफ हैल्थ सार्इंसज अधीन चल रहे यूनिवर्सिटी कालिज आफ नर्सिंग (यूकोन) फरीदकोट के एस.एन.ए. फंड गबन कांड की पड़ताल से मिलती है। एल.बी.सी.टी. (लार्ड बुद्धा चैरिटेबल ट्रस्ट) के चेयरमैन और आल इंडिया एस.सी./बी.सी./ए.टी. एकता भलाई मंच के राष्ट्रीय प्रधान दलित रत्न जगदीश राय ढोसीवाल ने आज यहां बुद्ध विहार स्थित मंच के मुख्य कार्यालय से बताया है कि यूकोन की उस समय की प्रो. भूपिंद्र कौर (जो कि इस समय कालिज में बतौर आफीशीऐटिंग प्रिंसीपल कार्यारत हैं) ने दिनांक 21 अप्रैल 2017 को साजिशी ढंग से अपने हस्ताक्षर से उक्त फंड के खाते को बंद करवा दिया। उल्लेखनीय है कि उस दिन कालिज में आफीशीऐटिंग प्रिंसीपल रावत भी मौजूद थे। इस मामले की भी पड़ताल की जानी बनती है कि किन हालातों में कालिज प्रमुख के मौजूद होने के बावजूद किसी जूनियर कर्मचारी ने यह खाता क्यों बंद करवाया? इतना ही नहीं खाता बंद करवा के पूरी रकम प्रिंसीपल रावत ने गैर कानूनी ढंग से सरकारी नियमों के विरूद्ध अपने पास रख ली। गबन के दोषी प्रिंसीपल ने यह मामला सामने आने के बाद दो लाख रूपये अपने सैलरी खाते और साठ हज़ार रूपये नकद जमा करवाए। प्रिंसीपल ने पौणे तीन लाख के करीब मैस: पप्पू राम भगत से मिली भगत करके साधारन कागज़ों पर बिल बनवा कर अधिकारियों को गुमराह किया और सरकार को जी.एस.टी. का चूना लगाया। उन्होंने बताया है क उनकी संस्था द्वारा करीब सवा साल पहले 02 अगस्त 2020 को इस संबंधी की शिकायत की पड़ताल उस समय की रजिस्ट्रार मैडम रूही दुग आई.ए.एस. द्वारा की गई। पड़ताल उप्रांत रजिस्ट्रार ने उक्त प्रिंसीपल रावत और अन्य को दोषी करार देते हुए करीब 10 महीने पहले बीती 07 जनवरी को चार्ज शीट कर दिया गया था। सरकारी नियमों अनुसार अब इस मामले की रैगूलर पड़ताल की जानी बनती है। ढोसीवाल ने कहा है कि बड़े दुख की बात है कि इतना लंबा समय बीत जाने के बावजूद भी इस मामले की अभी तक रैगूलर पड़ताल पूरी नहीं की गई। उन्होंने खदशा जाहिर किया है कि उक्त मामले की रैगूलर पड़ातल में जान बूझ कर देरी की जा रही है ताकि गबन कांड में शामिल दोषियों का बचाया जा सके। ढोसीवाल ने यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार से मांग की है कि उक्त गबन कांड मामले की रैगूलर पड़ताल जल्द पूरी करवा कर जिम्मेदार देषियों विरूद्ध कानून अनुसार बनती कार्यवाई की जाए। उन्होंने यह भी मांग की है कि यूकोन के उस समय की जूनीयर कर्मचारन प्रो. भूपिंदर कौर द्वारा कालिज प्रमुख के मौजूद होने के बावजूद उक्त खाते को बंद करवाने के मामले की भी पड़ताल की जाए। ढोसीवाल ने आगे कहा है कि वह प्रिंसीपल रावत द्वारा कंटीन ठेकेदार पप्पू भगत से साजबाज हो कर सरकार को जी.एस.टी. का चूना लगाने के मामले की जी.एस.टी. और पूलिस विभाग को भी शिकायत करेंगे।