मामले के समाधान के लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को मिला जायेगा - रंधावा
चंडीगढ़, 13 अक्तूबरः
बीएसएफ एक्ट की धारा 139 में हाल ही में किये गये संशोधन जो संघीय ढांचे पर हमले के समान है, की निंदा करते हुये उप मुख्यमंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने केंद्र सरकार को यह फ़ैसला तुरंत वापस लेने के लिए कहा।
आज यहां जारी एक बयान में स. रंधावा, जिनके पास गृह मामलों का विभाग भी है, ने कहा कि यह तर्कहीन फ़ैसला सीमा सुरक्षा बलों के उभार की भावना के बिल्कुल विरुद्ध है जो अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात रहते हैं और रक्षा की अग्रणी पंक्ति के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने कहा कि अंदरूनी इलाकों में पुलिसिंग करना सीमा सुरक्षा बलों का काम नहीं है और ऐसा करना अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा प्रति उनकी प्राथमिक ड्यूटी निभाने के सामर्थ्य को कमज़ोर करेगा।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले की हल के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह को जल्द मिलेंगे।
इस दौरान स. रंधावा ने स्पष्ट कहा कि मुख्यमंत्री स. चरणजीत सिंह चन्नी ने न तो यह मुद्दा केंद्र के समक्ष उठाया है और न ही अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के लिए कहा है।
केंद्रीय और राज्य की एजेंसियों के दरमियान बेहतर सहयोग की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुये स. रंधावा ने कहा कि गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए तुरंत कार्यवाही करने के लिए जानकारी सांझा करके ऐसे तालमेल को बढ़ाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि बीएसएफ और पंजाब पुलिस के दरमियान बीते समय में नशे और आतंकवादी माड्यूलों के विरुद्ध साझा आपरेशन सफलतापूर्वक चलाए गए हैं। इसके इलावा जानकारी साझा करने और तालमेल बनाने के लिए प्रणालियां पहले ही मौजूद हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार की तरफ से मौजूदा प्रबंधों को एकतरफा रूप में बदलने के पीछे राज्य सरकार और संघवाद की भावना को कमज़ोर करने के बिना कोई और वाजिब कारण नहीं हैं।
केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार की सहमति लिए बगैर उपरोक्त नोटीफिकेशन जारी करना केंद्र की तरफ से राज्यों की शक्तियां और भूमिकाएं हथियाने के समान है। संघ, राज्य और समवर्ती सूचियां केंद्र और राज्यों के कार्य क्षेत्र अधीन आते विषयों को निर्धारित करती हैं। पुलिस और कानून व्यवस्था राज्यों की सूची अधीन आते हैं और यह राज्यों की तरफ से देखे जाते हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों के साथ सलाह किये बिना या उनकी सहमति लिए बिना बीएसएफ अधिकारियों को पुलिस अधिकारियों की शक्तियां देकर केंद्र सरकार संविधान के संघीय ढांचे को तोड़ने की कोशिश कर रही है।