यह गतिविधियां पंजाब की राष्ट्रीय महत्ता और मुख्य सरोकारों बारे पूरी समझ होने पर आधारित नहीं
मार्च, 2017 से अपनी सरकार की प्रमुख उपलब्धियां गिनाईं, 89.2 प्रतिशत वादे पूरे किए
चण्डीगढ़, 19 सितम्बरः
बीते दिन राज्यपाल को औपचारिक तौर पर अपना इस्तीफ़ा सौंपने से कुछ घंटे पहले कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपने फ़ैसले बारे अवगत करवाया। मुख्यमंत्री ने बीते पाँच महीनों में घटीं राजनैतिक घटनाओं पर दुख ज़ाहिर करते हुए स्पष्ट तौर पर कहा कि यह गतिविधियां पंजाब की राष्ट्रीय महत्ता और इसके मुख्य सरोकारों बारे पूरी समझ होने पर आधारित नहीं हैं।
कांग्रेस की प्रादेशिक यूनिट में राजनैतिक गतिविधियों के नतीजे के तौर पर पंजाब में अस्थिरता बारे अपनी आशंकाओं की तरफ इशारा करते हुए सोनिया गांधी को लिखे अपने पत्र में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, “मेरी निजी पीड़ा के बावजूद मैं उम्मीद ज़ाहिर करता हूं कि इससे राज्य में बहुत कठिनाई और कड़ी मेहनत करके हासिल की गई अमन-शान्ति और किये गए विकास को कोई नुक्सान न पहुँचे और वह यत्न जिन पर मैं पिछले कुछ सालों दौरान ध्यान दे रहा था, जारी रहेंगे जिससे सभी के लिए न्याय को यकीनी बनाया जा सके।
इसके साथ ही कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सरहदी राज्य पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर लोगों के लिए उनकी तरफ से किये गए कामों पर निजी तौर पर संतोष ज़ाहिर करते हुए कहा कि इसके बहुत से राजनैतिक और अन्य अंदरूनी सुरक्षा सरोकार हैं जिनको मैने बिना किसी समझौते के कारगर ढंग के साथ हल करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि वह खुश हैं कि राज्य में अमन-शान्ति बनी रही और यहाँ मुकम्मल सांप्रदायिक सदभावना कायम है।
साल 2002 से 2007 और साल 2017 से सितम्बर, 2021 से साढ़े नौ साल का समय पूरा करने के बाद मुख्यमंत्री का पद छोड़ने संबंधी अपने फ़ैसले बारे कांग्रेस अध्यक्ष को अवगत करवाते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने लिखा, “हालांकि वह (सोनिया गांधी) बीते साढ़े चार सालों में हासिल की गई उपलब्धियां में से कुछ बारे निजी तौर पर अवगत हों, पंजाब के लोग संपूर्ण और प्रभावी सार्वजनिक नीतियों के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की तरफ देख रहे हैं जो न सिर्फ़ अच्छी राजनीति का दिखावा करते हैं बल्कि आम लोगों के सरोकारों का भी हल करते हैं जोकि इस सरहदी राज्य के लिए विशेष है।
इन साढ़े नौ सालों में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बताया कि उन्होंने पंजाब के लोगों की भलाई के लिए तन-मन से काम किया है और वह राज्य को अपने दिल की गहराईयों से प्यार करते हैं। उन्होंने कहा, “मेरे लिए यह बहुत संतोषजनक बात है कि मैने न सिर्फ़ कानून का राज स्थापित किया और पारदर्शी शासन को यकीनी बनाया बल्कि राजनैतिक मामलों के प्रबंधन में नैतिक व्यवहार भी कायम रखा जिस दौरान साल 2019 की संसदीय चुनाव में 13 में से 8 सीटें जीतीं और पंचायत चुनाव और शहरी चुनाव में भी निर्णायक जीत प्राप्त की।
साल 2017 में पंजाब कांग्रेस की तरफ से किये वादे पूरे करने के लिए बीते साढ़े चार सालों में उनको पेश कई चुनौतियों का ज़िक्र करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इन वादों में से उनकी सरकार ने 89.2 प्रतिशत पूरा कर दिया है जबकि बाकी वादे भी प्रगति अधीन हैं।
कोविड-19 महामारी की चुनौतियों का ज़िक्र करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने इसका सामना कारगर ढंग और बेहतर तालमेल के साथ किया जिससे मानव जीवन के कम-से-कम नुक्सान को यकीनी बनाया जा सका। उन्होंने कहा कि आज राज्य महामारी से लगभग मुक्त है और स्वास्थ्य ढांचे में सुधार लाने के लिए न सिर्फ़ ठोस यत्न जारी हैं बल्कि योग्य लोगों को इलाज की सुविधा भी मुफ़्त दी गई जिससे तीसरी संभावी लहर को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए भी पंजाब तैयार है। उन्होंने कहा, “मेरे लिए यह बहुत तसल्ली वाली बात है कि सिर्फ़ पंजाब ही ऐसा राज्य है जहाँ हम अपने मैनीफैस्टो के मुताबिक लोगों के लिए मुफ़्त सेहत बीमा का फ़ैसला किया। राज्य में अब 55 लाख परिवार नगदी रहित इलाज के लिए योग्य हैं।
बेअदबी मामलों और इसके बाद साल 2015 की पुलिस घटनाओं के मुद्दे पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार जो इस मुद्दे पर न्याय को यकीनी बनाने के लिए वचनबद्ध थी, ने जस्टिस (सेवामुक्त) रणजीत सिंह के नेतृत्व में जांच के लिए जुडिशियल कमीशन कायम किया जिसकी रिपोर्ट 16 अगस्त, 2018 को प्राप्त की। इस बारे विस्तार में जानकारी साझा करते हुए उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट को स्वीकृत किया गया और इसके बाद कानूनी कार्रवाई आरंभ की गई।
उन्होंने बताया कि इन मामलों जिनको पिछली अकाली-भाजपा सरकार की तरफ से सी.बी.आई. को सौंप दिया गया था, को वापस लेने के लिए कानूनी अड़चनों और सी.बी.आई. के इन्कार के बावजूद उनकी सरकार 10 चालान पेश करने में सफल रही जबकि 24 व्यक्ति चार्जशीट किये गए, 15 पुलिस मुलाज़ीम निलंबित किये गए और 10 नागरिकों को भी गिरफ़्तार किया गया। उन्होंने कहा, “इन मामलों में आपराधिक कार्यवाहियां इस समय जारी है और मुझे यकीन है कि उचित समय पर न्याय होगा।“
राज्य के लोगों के लिए किफ़ायती बिजली की सप्लाई यकीनी बनाने के लिए पिछली सरकार की तरफ से महँगी बिजली की खरीद के लिए किये गए विवादास्पद बिजली ख़रीद समझौतों के सम्बन्ध में बोलते हुए कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि उनकी सरकार ने 2017-21 तक बिजली संचार और वितरण ढांचे में 3709 करोड़ रुपए का निवेश किया है और 22 लाख एससी /बीसी खपतकारों और 14 लाख किसानों की भलाई के लिए लगभग 11000 करोड़ रुपए सालाना जारी किये गए। उन्होंने कहा, “पहली बार, हमने ही उद्योग जगत को 2000 करोड़ रुपए से अधिक की सालाना लागत पर सब्सिडी वाली बिजली की सप्लाई दी।“ इसके अलावा पीपीए की समीक्षा फ़िलहाल चल रही है।
किसानों को पंजाब की आर्थिकता की रीढ़ की हड्डी बताते हुए कैप्टन अमरिन्दर ने लिखा कि कर्ज़ राहत प्रदान करने और उनकी सम्पत्तियों को कुर्क करने की वैधानिक व्यवस्थाओं को रद्द करने की अपनी वचनबद्धता के अनुसार, उनकी सरकार ने 5.64 लाख किसानों को 4,624 करोड़ रुपए और 2.68 लाख खेत मज़दूरों को 526 करोड़ रुपए की कर्ज़ राहत दी। इसके अलावा, हमने पंजाब स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटीज एक्ट, 1961 की धारा 67-ए को रद्द किया और 2.5 एकड़ तक की कृषि योग्य ज़मीन को कुर्क करने की इजाज़त न देते हुए सिविल प्रोसीजर कोड में संशोधन भी किया है।
पंजाब के लोगों के साथ राज्य में नशा तस्करी और तस्करों की कमर तोड़ने के अपने वादे का ज़िक्र करते हुए कैप्टन ने कहा कि उन्होंने इस सम्बन्ध में एक विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) का गठन किया है। उनकी सरकार की ई.डी.पी.-प्रवर्तन, नशा मुक्ति और रोकथाम वाली 3-सूत्री रणनीति की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि उक्त रणनीति के नतीजे के तौर पर 62,744 व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया गया, 202 ओट क्लीनिक स्थापित किये, 6,28,083 नशा रोकथाम अफ़सर (डैपो) रजिस्टर्ड हुए और 9,51,202 बडी ग्रुप बनाए गए।
उन्होंने कहा कि 2017 में राज्य की माइनिंग नीति में सुधार के साथ, राज्य की आय 35 करोड़ रुपए सालाना से बढ़ाकर 300 करोड़ रुपए सालाना तक पहुँच गई है।
कैप्टन अमरिन्दर ने घर घर रोज़गार योजना, जिसके लिए 22 ज़िला रोज़गार और कारोबार ब्यूरो स्थापित किये गए, कामयाबी के विवरण साझा करते हुए कहा कि इससे 19.29 लाख लोगों को रोज़गार मिला। इनमें 62748 सरकारी नौकरियाँ, 737963 निजी क्षेत्र की नौकरियाँ और 1093000 स्व रोज़गार शामिल हैं। उन्होंने कहा कि रोज़गार मेले 2017 से निरंतर लग रहे हैं और इस बार भी 23 सितम्बर का आखिरी रोज़गार मेला कपूरथला बनाया गया है।
अपनी सरकार की विकास और कमज़ोर वर्गों, जिनमें अनुसूचित जातियां और पिछड़ीं श्रेणियां भी शामिल हैं, के प्रति वचबद्धता का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि 10151 अनुसूचित जातियों और 4702 पिछड़ीं श्रेणियों के साथ सम्बन्धित लाभार्थीयों को 50 हज़ार रुपए प्रति के हिसाब से कर्ज़ राहत दी गई है। उन्होंने कहा, “हमने अनुसूचित जातियों की भलाई और विकास के लिए निश्चित फंड उपलब्ध करवाने के लिए विशेष कानून भी लागू करने का फ़ैसला किया।“ उन्होंने साथ ही कहा कि एससी, बीसी और बीपीएल लाभार्थीयों की राज की 22 लाख की जनसंख्या को 200 यूनिट प्रति मुफ़्त बिजली लगभग 2000 करोड़ रुपए की सब्सिडी और उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके साथ ही एससी और दूसरे वर्गों को अलग अलग बोर्डों और निगमों में बनती प्रतिनिधिता दी गई है। केंद्र की तरफ से अप्रैल 2017 से रोकी गई एससी स्कॉलरशिप स्कीम, पंजाब में वित्तीय बन्दिशों के बावजूद पूरी तरह कायम रखी गई।
ग्रामीण विकास को अपनी सरकार की एक और बड़ी उपलब्धि करार देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने स्मार्ट विलेज मुहिम की सफलता बारे बताते हुए कहा कि इसके अंतर्गत 3597 करोड़ रुपए सामाजिक और चुने गए प्रतिनिधिं के द्वारा विकास कार्यों पर खर्च किए गए। उन्होंने लिखा, “42800 किलोमीटर ग्रामीण लिंक सड़कों की मुरम्मत की गई। 66823 कामों में से 48445 काम मुकम्मल कर लिए गए हैं जबकि 18378 स्मार्ट विलेज स्कीम के अंतर्गत काम प्रगति अधीन हैं।“
नये प्रोग्राम जिसको पंजाब निर्माण प्रोग्राम का नाम दिया गया है, में चुने हुए नुमायंदों को स्थानीय बुनियादी ढांचे ख़ासकर कमज़ोर और दलितों पर केंद्रित, के लिए ज़रूरत मुताबिक फंड उपलब्ध करवाए जाते हैं, के अंतर्गत 1260 करोड़ रुपए उपलब्ध करवाए गए। म्युंसिपल इलाकों में स्थानीय विकास को मुख्य रखकर शुरू किये गए “अर्बन एन्वायरनमेंट इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत 1351 करोड़ रुपए की लागत के साथ 5000 काम शुरू किये गए। उनकी सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास और औद्योगिक निवेश को उत्साह देने के लिए बड़े प्रोजेक्टों और स्कीमों को बढ़ावा देने के लिए नयी औद्योगिक और व्यापार विकास नीति लाई। राज्य सरकार ने 3.47 लाख नौकरियों की संभावना के साथ 93908 करोड़ रुपए के औद्योगिक निवेश के लक्ष्य को प्राप्त किया। उन्होंने कहा, “ हमने बड़ी सड़कों और पुलों के निर्माण में 8817 करोड़ रुपए के निवेश की कामयाबी भी हासिल की।“
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोनिया गांधी का ध्यान पंजाब को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की तरफ से शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल दर्जा मिलने की तरफ दिलाते हुए इसका श्रेय पंजाब सरकार के शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर सुधार के यत्नों और निवेश को बताया। राज्य के 19000 स्कूलों में से 14000 स्मार्ट स्कूल के तौर पर विकसित हो चुके हैं जबकि 5000 बाकी भी प्रगति अधीन हैं। उन्होंने आगे खुलासा किया, “ हमने निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में आठ नयी यूनिवर्सिटियाँ, 19 सरकारी कॉलेज और 25 नयी आई टी आईज़ भी स्थापित कीं।“