अनुसूचित जाति कमीशन के आदेशों के बावजूद अनुसूचित जाति परिवार को नहीं मिला मुआवजा

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सांपला ने डिवीजनल कमिश्नर फरीदकोट को दोषी सरकारी अधिकारियों पर मामला दर्ज करने के दिए आदेश

अनुसूचित जाति कमीशन के आदेशों के बावजूद अनुसूचित जाति परिवार को नहीं मिला मुआवजा

मानसा
, 24 सितंबर 2021 -

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के बार-बार आदेशों के बावजूदपंजाब सरकार के अफसरों द्वारा मानसा के गांव फफड़ेभाई के पीडि़त अनुसूचित जाति परिवार को शेडयूल कास्ट एवं शेडयूल ट्राइब (पी.ओ.ए) रूलज, 1995 के तहत मुआवजा एवं अतिरिक्त सहायता न दिए जाने का कड़ा नोटिस लेते हुए आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने डिवीजनल कमिश्नर फरीदकोट डिवीजन को तुरंत दोषी सरकारी अधिकारियों पर एससी/एसटी (पीओए) एक्ट 1989 की धारा 4 के तहत मामला दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं।

गौरतलब है कि मानसा जिले के गांव फफड़े भाई के के एक अनुसूचित जाति लडक़े को पंजाब पुलिस तफ्तीश के लिए थाने ले गईलेकिन जब वह लडक़ा घर वापिस आया तो उसकी कुछ देर में मौत हो गई। जिला पुलिस एवं अधिकारियों द्वारा कोई भी कानूनी कार्रवाई न किए जाने के उपरांत सांपला ने 4 जून को गांव फफड़े भाई के का दौरा किया और मौके पर मौजूद डीसी मानसा को आदेश दिए कि एससी एक्ट के तहत पीडि़त परिवार को दी जाने वाली 8 लाख 25000 मुआवजा राशि में से 4 लाख 25 हजार रुपए तुरंत जारी करें। दिवंगत के छोटे भाई को ग्रेजुऐशन तक मुफ्त शिक्षा देने एवं मृतक के माता को मकान बनाने के लिए तुरंत बनती अनुदान राशि जारी करने के आदेश भी डीसी मानसा को दिए। मतक की माता को 5000 रुपए तक प्रति माह की पेंशन देने के आदेश किए थे।

मानसा के डी.सी. द्वारा जब कोई कारवाई नहीं की गई तो सांपला ने दिल्ली तलब कर आदेश दिए । फिर भी जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो बीती 21 सितंबर को मृतक की मां ने आयोग के चेयरमैन विजय सांपला को पत्र लिखकर शिकायत की कि उनको अभी तक कोइ मुआवजा राशि एवं सहायता प्राप्त नहीं हुई है। आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने डिवीजनल कमिश्नर फरीदकोट डिवीजन को तुरंत दोषी सरकारी अधिकारियों पर एससी/एसटी (पीओए) एक्ट 1989 की धारा के तहत मामला दर्ज कर एक सप्ताह में एक्शन टेकन रिपोर्ट भेजने को कहा है।


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