पंजाब पुलिस ने एक और संभावित आतंकवादी हमला किया नाकाम दो हथगोलों समेत कट्टरपंथी आतंकवादी काबू

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 चंडीगढ़/तरन तारन, 31 अगस्त: विदेशी आतंकवादी संगठनों के साथ जुड़ा आतंकवादी सरूप सिंह जोकि तरन तारन के गाँव जौहल धालीवाला का रहने वाला है, की गिरफ़्तारी से पंजाब पुलिस द्वारा सीमावर्ती राज्य में एक और संभावित आतंकवादी हमले को नाकाम कर दिया गया है। डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब श्री दिनकर गुप्ता ने आज यहाँ बताया कि पुलिस द्वारा उससे चीन के बने पी-86 मार्के के 2 जीवित हथगोले भी बरामद किए गए हैं।


डीजीपी ने बताया कि सरूप सिंह को तरन तारन पुलिस द्वारा सोमवार को अमृतसर-हरीके रोड पर एक चौकी में शक के आधार पर पकड़ा गया था।
यह गिरफ़्तारी उस समय हुई है जब पंजाब में हथगोलों और आरडीएक्स से भरे टिफिन बॉक्स के अलावा अन्य हथियार और गोला बारूद की बरामदगी हो रही है, जोकि विदेश आधारित आतंकवादी नेताओं और देश विरोधी तत्वों द्वारा सीमावर्ती राज्य की शांति और भाईचारे को भंग करने की बड़ी कोशिशों का संकेत है। 

जि़क्रयोग्य है कि इससे पहले भी 8 अगस्त, 2021 को, अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने लोपोके के गाँव दल्लेके से टिफिन बम के साथ-साथ उपरोक्त मार्के से मिलते-जुलते पाँच हथगोले बरामद किए गए थे, जबकि स्टेट स्पैशल ऑपरेशन सैल, अमृतसर द्वारा भी 16 अगस्त, 2021 को अमृतपाल सिंह और शम्मी के पास से अन्य हथियारों समेत उपरोक्त मार्के और मॉडल (पी-86) के दो हथगोले बरामद किए गए थे। इसी तरह, कपूरथला पुलिस द्वारा 20 अगस्त, 2021 को फगवाड़ा से गुरमुख सिंह बराड़ और उसके साथी से इसी तरह के दो जीवित हथगोले, एक जीवित टिफिन बम और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी।
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि प्राथमिक जाँच के दौरान सरूप सिंह ने खुलासा किया है कि वह सोशल मीडिया के द्वारा विदेशी आधारित आतंकवादी संचालकों के संपर्क में आया था और उन्होंने उसे कट्टरपंथी बनाया और पंजाब में आतंकवादी कार्यवाहियों को अंजाम देने के लिए प्रेरित किया।
डीजीपी ने बताया कि सरूप ने आगे खुलासा किया कि उसके विदेशी संचालकों ने उसके लिए 2 हथगोलों की खेप का प्रबंध किया। उन्होंने आगे बताया कि सरूप पहले ही अमृतसर और लुधियाना में कुछ संवेदनशील टारगेटों की रैकी कर चुका था। उन्होंने आगे बताया कि मुलजि़म के मोबाइल फ़ोन में से उसके विदेशी संचालकों द्वारा हथगोलों को सफलतापूर्वक विस्फोट करने के बारे में बताते हुए एक प्रशिक्षण वीडियो भी बरामद की गई है। 
डीजीपी श्री दिनकर गुप्ता ने बताया कि व्यापक आतंकवादी नैटवर्क और उनकी योजनाओं का पता लगाने के लिए और जांच जारी है। प्राथमिक जांच से यह भी पता लगता है कि यह सभी खेपें सरहद पार से अलग-अलग आतंकवादी संगठनों द्वारा पंजाब में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए भेजी जा रही हैं।
इस दौरान, एफआईआर नंबर 217 तारीख़ 30 अगस्त, 2021 को विस्फोटक पदार्थ (संशोधन) एक्ट की धारा 3, 4 और 5 के अधीन सीटी पुलिस स्टेशन तरन तारन में दर्ज की गई है।

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